आकांक्षा- एक जूनून
आकांक्षा एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ अपने आप में पर्याप्त हो कर भी पूर्ण नहीं है| आकांक्षा का अर्थ होता है किसी चीज़ को पाने की उत्कंठता, किसी लक्ष्य को हासिल करने की गहरी इच्छा |
संसार का प्रत्येक व्यक्ति अपनी आकांक्षा को पूर्ण करने क लिए भरसक प्रयत्न करता है| किसी की इच्छा पूरी हो जाती है तो किसी की अधूरी| किन्तु इच्छा पूर्ण होने क पश्चात् भी कुछ और इच्छाएं होती हैं जो कभी ख़त्म नहीं होती हैं| इच्छाएं अनंत हो सकती हैं|
आज के युग में अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिस्प्रधा सी लगी हुई है| जो व्यक्ति अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर लेते हैं उन्हें सफल व्यक्ति की श्रेणी में रखा जाता है अन्यथा असफल व्यक्ति का विशेषण दिया जाता है| क्या इसे सफलता और असफलता से जोड़ना उचित है?
सभी की अपनी प्राथमिक आकांक्षा होती है जो उसके लिए उसके जीने का मकसद होता है| अगर वही न पूरा हो तो क्या व्यक्ति टूट जाता है या अपनी प्राथमिकता को बदल देता है| यह यक्ति विशेष पे निर्भर करता है|
सभी की अपनी सोच और मानसिकता होती है| कोई इसे सहर्ष स्वीकार कर लेता है तो कोई इससे जूझता है|
प्रायः ऐसा देखा गया है की जिन जिनक्तिओं की आकांक्षाएं पूर्ण नहीं होती वे या तो निराश हो जाते हैं और सभी उम्मीदों का परित्याग कर देते हैं | या फिर दुगनी उत्साह के साथ अपनी अन्य आकांक्षाओं को हकीकत का स्वरुप देते हैं और अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं|
इस संसार में केवल उन्हीं लोगों को जाना जाता है जिन्होंने अपने जीवन को सफल बनाया या फिर यूँ कहे किं सफल वयाक्तिओं को ही याद रखा जाता है जिनकी इच्छाएं पूर्ण हो चुकी हैं|
आकांक्षा पूरी करने का तात्पर्य है अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही उस परम सुख की अनुभूति जो संसार के किसी भी वास्तु में नहीं मिल सकती|